Agni Prime Missile: भारतीय मिसाइलों में सबसे खास अग्नि प्राइम का 3 अप्रैल को एक और सफल परीक्षण किया गया। उड़ीसा के तट से शाम 7 बजे फ़ायर की गई इस मिसाइल पर रडारों और समुद्र में मौज़ूद जहाज़ों ने नज़र रखी। फ़ायरिंग के नतीज़ों के मुताबिक मिसाइल अपने तय रास्ते पर सही समय से गई और अपने निशाने पर कारगर वार किया। अग्नि प्राइम को भारत के स्ट्रेटेजिक फोर्सेज़ कमान में शामिल किया जा चुका है और अब फ़ायर करके उसकी सटीकता को जांचा जा रहा है।
इस टेस्ट फ़ायर को भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के अलावा स्ट्रेटेजिक फोर्सेज़ कमान के अधिकारियों ने भी देखा और मिसाइल पर पूरी संतुष्टि जताई। स्ट्रेटेजिक फोर्सेज़ कमान भारत में परमाणु हथियारों के रखरखाव और इस्तेमाल के लिए ज़िम्मेदार कमान है जिसमें तीनों ही सेनाओं के अधिकारी शामिल रहते हैं।
Agni Prime Missile Specifications
अग्नि प्राइम को अग्नि सीरीज़ की सबसे आधुनिक मध्यम दूरी की मिसाइल माना जाता है।अग्नि प्राइम की रेंज 1000 से 2000 किमी की होती है और इसे पुरानी 750 किमी रेंज वाली अग्नि 1 मिसाइल की जगह लेने के लिए बनाया गया है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे ट्रक से या रेल से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इसमें मिसाइल और वारहेड को एक साथ जोड़कर ले जाया जा सकता है जिससे फ़ायरिंग की तैयारी करने में लगने वाला समय बहुत कम हो जाता है।
इसे सॉल्वो फ़ायर यानि एक साथ कई मिसाइलों को फ़ायर करने के लिए तैयार किया गया है। इसमें डेढ़ टन यानि 1500 किग्रा का वारहेड लगता है और यह अपने तय निशाने के 10 मीटर के दायरे में ही गिरती है यानि इसका निशाना बहुत सटीक है।
भारत अग्नि प्राइम के ज़रिए पाकिस्तान के हर शहर को निशाना बना सकता है। इसे हिमालय के ऊंचे पहाड़ों तक आसानी से ले जाया जा सकता है इसलिए चीन के भी सभी मुख्य शहर इसकी रेंज में है। दरअसल अग्नि प्राइम को ज़रिए भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी नौसेना के बढ़ते दखल पर भी क़ाबू पाना चाहता है।
2035 तक चीन के पास 6 से 7 एयरक्राफ्ट कैरियर हो जाएंगे जिससे वह हिंद और प्रशांत महासागर में काफ़ी ताक़तवर हो जाएगा। भारत अग्नि प्राइम का नौसैनिक संस्करण भी बनाना चाहता है ताकि ज़रूरत पड़ने पर उससे किसी भी चीनी जहाज़ को तबाह किया जा सके।